Hathras Kand Bhole Baba Kaun Hai

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है और वे कासगंज जिले के पटियाली तहसील के बहादुरनगर गांव के निवासी हैं। उनके पिता किसान थे और उन्होंने पुलिस में सिपाही के रूप में सेवा की। भोले बाबा ने यूपी पुलिस में 12 थानों में काम किया है।

Jul 3, 2024 - 15:36
Jul 3, 2024 - 15:36
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Hathras Kand Bhole Baba Kaun Hai
Hathras Kand Bhole Baba
  • हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की है.
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
  • राज्य सरकार ने हादसे में मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
  • जिन लोगों को घायल किया गया है, उन्हें 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
  • राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने इस हादसे पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
  • हादसे के बारे में राज्य सरकार ने संभावित दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी ऐलान किया है।
  • मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम गठित करने की घोषणा की है।
  • घटना के बाद स्थानीय आवाज उठाई गई है कि न्याय मिले और दोषियों को सख्त सजा हो।
  • इस मामले के सिलसिले में राज्य सरकार ने मामले की गहराई तक जांच का आश्वासन भी दिया है।
  • समाज में असहमति और आंदोलन की आवाजें उठी हैं, जिसे सरकार ने संभावित दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई के लिए सुना जा रहा है।

भोले बाबा नारायण साकार विश्व हरि के एक दिवसीय प्रवचन का आयोजन सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित फुलरई गांव में करीब डेढ़ सौ बीघा जमीन में किया गया था। इस सत्संग का नाम 'मान मंगल मिलन सदभावना समागम' था, जिसमें करीब एक लाख लोगों ने भाग लिया था। सुबह 11 बजे भोले बाबा मंच पर पहुंचे, लेकिन भीड़ के कारण सत्संग के शुरू होने में अव्यवस्था दिखाई दी। दोपहर के करीब पौने दो बजे आरती के साथ सत्संग समाप्त हुआ।

सत्संग के समाप्त होने के बाद श्रद्धालु सत्संग स्थल से बाहर निकलने लगे, जबकि भोले बाबा का काफिला भी निकला। इसी दौरान धक्का मुक्की के बीच भगदड़ मच गई। भगदड़ मचते ही लोग हाईवे के निकट नाले और पानी से भरे खेतों और गड्ढ़ों में गिरने लगे। इस दौरान कई लोग नीचे गिरे और कुछ लोगों की मौत भी हो गई।

प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले की जांच के दौरान पता चला कि स्थानीय अधिकारियों ने केवल 80 हजार लोगों के जुटने की अनुमति दी थी, लेकिन इससे कहीं अधिक लोग घटनास्थल पर इकट्ठे हो गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की गहरी जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया है और इसे त्वरित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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